#TheKeyofLife
#Short #Film
#साइलेंट #क्रिएटर- दीपक कुमार एन्ड अंकु पारासर बहुत कम लेखक होते है। जो अपने दर्शकों के जिम्मे अपनी कहानियों का क्लाइमैक्स छोड़ देते है। मतलब लेखक अपनी कहानी का अंत अवश्य करता है। लेकिन इस तरह से कि दर्शकों के अपने नजरिए की जद से क्लाइमैक्स बाहर आए। जो हर नजरिए में डिफर रहे। वही दूसरी ओर अभिनेता के किरदार को डायलॉग न मिले। यूं कहें, पूरी तरह साइलेंट हो। तब अभिनेता का कार्य कठिन हो चलता है। क्योंकि उसे कहानी को दर्शकों से कनेक्ट करना है। लेकिन बिना बोले....इस दरमियान उसके पास बचता उसका सबसे पॉवरफुल हथियार ब्रह्मास्त्र "एक्सप्रेशन" हाव/भाव....जो दर्शकों को दिल से कनेक्ट करता है। (यह ब्रह्मास्त्र हर किसी के पास नही रहता है) आज मैंने एक शॉर्ट साइलेंट फ़िल्म देखी है। "द की ऑफ लाइफ" इस शॉर्ट फिल्म से मैं पूरी तरह कनेक्ट हुआ हूँ। मेरा भी डिफर क्लाइमैक्स और कहानी का सार निकला.... मेरे दोस्त अंकु पारासर ने अद्भुत अभिनय को अंजाम दिया है। इस खूबसूरत यूएसपी के साथ शार्ट फ़िल्म को इंटरनेशनल सेलेक्शन मिला है। यह शार्ट फ़िल्म अवश्य अवार्ड जीतने वाली है। मेट्रो लाइफ के इतर भी, कोई दूसरी ज़िंदगी है। ओम लवानिया
12 February · https://www.facebook.com/tinku.sharma.969952/posts/1343543655849810 Update Your Browser | Facebook facebook.com
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